
कौशाम्बी संदेश फैसल अंसारी
सिराथू, 9 जून। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में केंद्र सरकार द्वारा जल संरक्षण और ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई “अमृत सरोवर” योजना, सिराथू ब्लॉक के गिरधरपुर ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद, गिरधरपुर का अमृत सरोवर तालाब आज बूंद-बूंद पानी को तरस रहा है, जिससे पशु-पक्षी और ग्रामीण बुरी तरह प्रभावित हैं।
सरकार ने अमृत सरोवर तालाबों के निर्माण का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण के साथ-साथ मत्स्य पालन, सिंघाड़े की खेती और खेतों की सिंचाई बताया था। इन सरोवरों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की उम्मीद थी। हालांकि, गिरधरपुर में जमीनी हकीकत इन उद्देश्यों से कोसों दूर है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, ग्राम प्रधान और सचिव ने सरोवर निर्माण में जमकर धांधली की है। निर्माण कार्य में गुणवत्ता से समझौता किया गया और आवंटित धनराशि का दुरुपयोग किया गया, जिसके परिणामस्वरूप तालाब आज पूरी तरह सूख चुका है। जहां एक ओर सरकार जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल पहुंचाने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर जल संरक्षण की इतनी महत्वपूर्ण योजना भ्रष्टाचार के कारण दम तोड़ रही है।
सूखे पड़े इस सरोवर के कारण न केवल जल संरक्षण का उद्देश्य अधूरा रह गया है, बल्कि पशु-पक्षियों को भी पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता और अधिकारियों की मिलीभगत के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग उठ रही है ताकि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जा सके और अमृत सरोवर योजना के मूल उद्देश्यों को पूरा किया जा सके। ग्रामीण उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी आवाज सुनी जाएगी और गिरधरपुर का अमृत सरोवर एक बार फिर पानी से लबालब होगा, जिससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा बल्कि ग्रामीण जीवन भी सुधरेगा।

Author: Kaushambi Sandesh
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