कैमा गांव में जीएस की जमीन राम सजीवन जयसवाल से कर रही है त्राहि-त्राहि लेखपाल जमीन को बचाने में नहीं बल्कि दबंग का कर रहे हैं सहयोग

अपने बचने के लिए स्वयं जिला अधिकारी महोदय के यहां 2017 में ग्राम सभा बनाम राम सजीवन किया वाद दाखिल 2018 में जिला अधिकारी महोदय ने उपजिलाधिकारी सिराथू कों एक माह के भीतर निस्तारण का दिया था आदेश

 

सिरसू तहसील क्षेत्र के कैमा गांव निवासी जितेंद्र कुमार पुत्र छोटेलाल गौतम ने जिला अधिकारी कौशांबी को लिखित शिकायती पत्र देते हुए बताया कि 991 और 992 व खाता संख्या 914 आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण हेतु महिला एवं बाल विकास के नाम से भूमि है उक्त भूमि में गांव का दबंग राम सजीवन पुत्र सुकरू लाल जायसवाल जो दबंग और भूमाफिया किस्म के व्यक्ति है जो अपने दबंगई के बल पर खाद गढ्ढा एवं बाल विकास की भूमि पर दो लेखपालो के सहयोग से सरकारी जमीन पर बवंडरी करके खेती कर रहा है जबकि गांव के लोगों ने हल्का लेखपाल विनोद कुमार पाल जो विपक्षी के बहुत नजदीकी है हल्का लेखपाल एक दूसरे हल्का लेखपाल योगेश कुमार यादव की मिली भगत से साठगांठ करके दोनों उक्त भूमि पर कब्जा व निर्माण कराकर उक्त व्यक्ति से रुपए का लेनदेन करके कब्जा कर रखे हैं उपरोक्त व्यक्ति कहता है कि जब तक हल्का लेखपाल का सहयोग मेरे साथ बना है तब तक उक्त प्रकरण में कोई मेरा कुछ नहीं कर पाएगा भुक्तभोगी के ग्राम सभा के लोगों ने कई बार शिकायती पत्र दिया लेकिन आज तक उक्त प्रकरण का समाधान नहीं हो सका उक्त व्यक्ति पर कोई कार्यवाही न होने के कारण उपरोक्त व्यक्ति का मनोबल बढ़ा हुआ है न्याय हित में किसी सक्षम अधिकारी को आदेशित किया। जाए कि सरकारी सार्वजनिक भूमि पर कब्जा करने वाले व हल्का लेखपाल तथा योगेश लेखपाल के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से करवाई किया जाए और कब्जे को हटाया जाए तथा दीवार को ध्वस्त कराया जाए भुकतभोगी व गांव के लोगों ने हल्का लेखपाल विनोद पाल से कहा तो लेखपाल कहते हैं कि उपरोक्त व्यक्ति ऊपर तक अधिकारियों को रुपए दे दिया है जिससे मेरे ऊपर दबाव बना रहता है इसलिए मैं इसमें कोई कार्रवाई नहीं कर पाता हूं।

गौरतलब हो कि जब रामसजीवन ने 2017 में जिला अधिकारी महोदय के यहां अपने बचने के लिए राम सजीवन बनाम ग्राम सभा धारा 67 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 वाद संख्या 392 वर्ष 2017 और 2018 मौजा कैमा परगना कड़ा तहसील सिराथू गांव सभा बनाम राम सजीवन में पारित आदेश दिनांक 30/ 12/ 2017 के विरुद्ध इस कथन के साथ आयोजित की गई की मातहत न्यायालय का आदेश कानून व नियम विरुद्ध पारित किया गया है हल्का लेखपाल की झूठी तथा गलत आख्या के आधार पर वाद आयोजित किया गया है जो न्याय की दृष्टि से निराधार तथा वेबुनियाद है अपीलार्थी द्वारा गांव सभा की किसी भी भूमि या खाद का गड्ढा में अवैध कब्जा नहीं किया गया है हल्का लेखपाल ने खाद के गड्ढे में अवैध कब्जा का गलत आख्या दिया है जो मानने योग्य नहीं है गांव सभा संपत्ति गाटा संख्या 992 रकबा 0.114 हेक्टेयर में बाउंड्री वॉल बनाकर अवैध कब्जा हल्का लेखपाल की आख्या पर न्यायालय ने आदेश पारित किया है जब उपरोक्त खाद के गड्ढे के बगल में पश्चिम तरफ गाटा संख्या 991 में अपीलार्थी का पुराना मकान तथा बगल में ही उत्तर तरफ आम रास्ता दक्षिण की तरफ आम रास्ता तथा तालाब है हल्का लेखपाल ने मौके की कभी नाप व पैमाइश की जांच आख्या मातहत न्यायालय नहीं भेजी है इसलिए अवर न्यायालय का आदेश तथ्य से परे है जो न्यायिक दृश्य मान्य योग्य नहीं है अपिलार्थी की पूर्ण संख्या 995 रकबा 0.477 हेक्टेयर का बंदोबस्ती नक्शा लगभग सात विस्वा छोटा बना है जिसका नक्शा दुरुस्ती अपर जिला अधिकारी कौशांबी के न्यायालय में विचाराधीन है हल्का लेखपाल की आख्या जिसमे बाउंड्री वॉल बनाकर गांव सभा की भूमि में अवैध कब्जा बताया गया है जिसके आधार पर अवर न्यायालय द्वारा आदेश पारित किया गया है निरस्त किए जाने योग्य है अपिलार्थी को अवर न्यायालय द्वारा जारी नोटिस की जानकारी नहीं हुई है जब आरसी जारी होकर हल्का अमीन द्वारा भेजी गई तब अपिलार्थी को उक्त प्रश्नगत आदेश की जानकारी हुई तब आदेश की नकल लेकर प्रश्नगत प्रस्तुत कर रहा है अपिलार्थी द्वारा जानबूझकर उपरोक्त अपील प्रस्तुत करने में देरी नहीं की गई है अंत में अधीनस्थ न्यायालय की पत्रावली तलब कर मौके की विधि अनुसार अपील स्वीकार करते हुए प्रश्नगत आदेश को निरस्त करने की याचना की गई अपील दर्ज रजिस्टर होने के पश्चात विपक्षी ग्राम सभा को नोटिस निर्गत की गई तथा अवर न्यायालय की मूल पत्रावली तलब की गई जो प्राप्त होकर संलग्न पत्रावली है गुण दोष पर सुनवाई के दौरान अपील करता के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क दिया कि अवर न्यायालय का आदेश दिनांक 30/ 12/ 2017 एक पक्षी रूप से पारित किया गया है जिसमें अपील करता को अवसर नहीं दिया गया आदेश पारित किया गया है जिला शासकीय अधिवक्ता राजस्व कौशांबी ने अपने तर्कों में कहा कि अपिलार्थी द्वारा वाद भूमि संख्या 992 रक्बा 0.114 खाद के गड्ढे खाते की भूमि है जो सार्वजनिक उपयोगिता की भूमि है जिस पर अपील करता ने अवैध रूप से बाउंड्री वॉल बनाकर कब्जा कर लिया है जिससे गांव सभा के लोगों को सार्वजनिक उपयोग से वंचित किया गया है अवर न्यायालय द्वारा नोटिस तामिला के पश्चात आदेश पारित है आपिलार्थी द्वारा कोई प्रतिवाद अवर न्यायालय में नहीं किया गया है प्रश्नगत आदेश गुण दोष के आधार पर पारित किया गया है जिसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है मैंने तर्कों को सुना एवं पत्रावली में उपलब्ध साक्षय व अभिलेख तथा अवर न्यायालय की मूल पत्रावली की अवलोकन एवं परिसिलन किया जिसमें मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचता हूं की आराजी संख्या 992 में अवैध आक्रमण के संबंध में अवर न्यायालय में लेखपाल की आख्या 30 /10 /2017 प्राप्त होने के उपरांत विपक्षी को नोटिस निर्गत की गई जो विपक्षी पर व्यक्तिगत शामिल नहीं है बल्कि उसकी बहू पर दिनांक 17/ 12 /2017 को तमिल है इस तमिल को आधार मानकर एवं न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 30 /12 /2017 पारित किया गया है इस प्रकार अवर न्यायालय की पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि अवर न्यायालय द्वारा दिनांक 4 /12 /2017 को नोटिस निर्गत की गई और नोटिस तमिल ना होने के उपरांत ही सरसरी प्रक्रिया अपना कर आदेश पारित किया गया है जो कायम रहने योग्य नहीं है निगरानी करता की निगरानी स्वीकार का अवर न्यायालय का आदेश दिनांक 30/ 12 2017 निरस्त किए जाने योग्य है

आदेश

अतः उपरोक्त विवेचना के आधार पर निगरानी करता की निगरानी स्वीकार कर अवर न्यायालय का आदेश दिनांक 30/ 12/ 2017 निरस्त किया जाता है असिस्टेंट कलेक्टर तहसीलदार सिराथू को निर्देशित किया जाता है कि गाटा संख्या 992 खाद के गद्दे की टीम गठित का पैमाइश कराकर निगरानी करता को साक्ष्य प्रदान का वाद का निस्तारण एक माह के अंदर दिन प्रतिदिन की तिथि नियत करते हुए करना सुनिश्चित करें अवर न्यायालय की पत्रावली इस आदेश की प्रमाण पत्र के साथ वापस की जाए बाद आवश्यक कार्यवाही पत्रावली संचित हो दिनांक 30/7 /18

आदेश करता मनीष कुमार वर्मा जिला अधिकारी कौशांबी

अब सवाल यह उठता है की जिला अधिकारी महोदय जी ने जब उप जिलाधिकारी सिराथू को दिन प्रतिदिन वाद के दौरान निस्तारण करने के लिए एक महीने का समय दिया लेकिन 5 साल बीत जाने के बाद उप जिलाधिकारी महोदय ने क्या निस्तारण किया और क्या आदेश दिया। उपजिलाधिकारी महोदय के आदेश को ग्राम पंचायत के सामने दिखाया जाना अति जरूरी है जिससे ग्राम सभा के लोग संतुष्ट हो सके। गांव लोगों का कहना है कि कैमा गांव में जीएस के जमीन को दबंग राम सजीवन जयसवाल के हड़पने से जीएस की जमीन त्राहि-त्राहि कर रही है और उसमें लेखपाल दबंग का साथ दे रहे है आखिर न्याय कौन करेगा।

कौशांबी संदेश ब्यूरो प्रमुख कौशांबी

Kaushambi Sandesh
Author: Kaushambi Sandesh

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