
पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र का मामला, प्रशासनिक उपेक्षा से ग्रामीण आक्रोशित
कौशांबी। पश्चिम शरीरा। पभोसा ग्राम सभा अंतर्गत एकमात्र लिंक रोड बाढ़ और जर्जर नाले के कारण अब ग्रामीणों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। जमुना नदी के किनारे बसे इस गांव तक पहुंचने का यही एक रास्ता है, जो बुरी तरह से प्रभावित हो चुका है। करीब दो फीट ही सड़क बची है, बाकी हिस्से में नाला कटान कर चुका है। यदि तत्काल कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो गांव का संपर्क पूरी तरह से टूट जाएगा।
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस समस्या की लगातार अनदेखी कर रहे हैं। गांव के लगभग 200 घरों के बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग और मजदूर इसी रास्ते से आते-जाते हैं, लेकिन आज तक इस रास्ते और नाले का कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया है। आठ साल पुरानी आरसीसी सड़क नाले के ठीक किनारे बनाई गई थी, जो हर साल बाढ़ में कटाव झेलती है और इस साल भी वही खतरा बना हुआ है।
ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ के समय यह नाला रूद्र रूप धारण कर लेता है, जिससे बच्चों और महिलाओं के जान-माल को सीधा खतरा रहता है। अबकी बार यह सड़क पूरी तरह कट जाए तो गांव तक एंबुलेंस, राहत सामग्री या कोई भी सरकारी मदद नहीं पहुंच सकेगी।
ग्रामीणों की मांग:
ग्रामीणों ने शासन और प्रशासन से मांग की है कि अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण करें और जल्द से जल्द इस नाले का समाधान कर सुरक्षित वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था कराएं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर अब भी समाधान नहीं किया गया, तो कोई बड़ी दुर्घटना होना तय है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल:
इस संकटपूर्ण स्थिति के बावजूद अभी तक कोई जनप्रतिनिधि या अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है, जिससे ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि जब ऐसी आपदा में भी कोई मदद नहीं मिलती, तो फिर सरकार और तंत्र किस काम का?
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो वे सामूहिक प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

Author: Kaushambi Sandesh
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