खेल मैदान को तरसते युवा, कैसे निखरेगी प्रतिभाएं

बारा कौशाम्बी
कौशाम्बी जनपद के सदर तहसील के अंतर्गत विकाशखंड सरसंवा के ग्रामपंचायत सिंघवल मे खेल मैदान न होने से युवाओं की प्रतिभा छुपी हुई है कहने को सरकार प्रतिभाओं को निखारने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक करवाने की बात कर रही है, लेकिन गांवों की प्रतिभाएं खेल मैदान के नहीं होने के कारण अपना हुनर दिखा नहीं पाती। इसका उदाहरण है गांव सिंघवल , जो जिला कौशाम्बी के सदर तहसील के  नजदीक बसा है। यहां बच्चों और युवाओं के लिए खेलकूद के लिए जगह नहीं होने से सेना भर्ती की तैयारी व खेलने वाले युवाओं को राजमार्ग या गांव की सड़कों पर अभ्यास करना पड़ता है।
इससे हर समय दुर्घटना का अंदेशा भी बना रहता है। ग्रामीणों व युवाओं ने बताया कि पिछले एक दशक से खारा में खेल मैदान की मांग को लेकर बार-बार अवगत करवाया जा रहा है, लेकिन अब राहत की उम्मीद कम ही लग रही है। गांव की उबड़-खाबड़ सड़कों पर दौड़कर अभ्यास करना पड़ता है। गर्मी में खेतों से जब फसल कट जाती है। तब तीन महीने उसी में खेल का अभ्यास किया जाता है, लेकिन जब खेतों में फसल लग जाती है। तब अभ्यास नहीं कर पाते हैं।
*हर वक्त हादसे का डर*
खेल मैदान नहीं होने के कारण युवाओं को सेना भर्ती सहित अन्य खेलकूद की तैयारी के लिए सड़क पर दौड़ लगानी पड़ती है। खेलों के अभ्यास के लिए घर में ही जुगाड़ बैठाना पड़ रहा है। इससे हर समय हादसे की आशंका रहती है। सेना भर्ती, स्कूल व काॅलेज व की खेलकूद प्रतियोगिता के लिए मैदान व ट्रैक के लिए युवा करीब एक दशक से ज्यादा समय से खेल मैदान की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक प्रशासन व जन प्रतिनिधियों से आश्वासन ही मिला है।
*अतिक्रमण की भेंट*
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत प्रशासन की उदासीनता है कि गांव में खेल मैदान के अभाव में युवा खेलों से दूर होते जा रहे हैं, लेकिन खेल मैदान का हर बार प्रशासन की ओर से आश्वासन देकर छोड़ दिया जाता है। जबकि ग्राम पंचायत की जमीनें लगातार अतिक्रमण की भेंट चढ़ती जा रही है।

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