
कौशाम्बी। आज बृहस्पतिवार को गांधी जयंती के अवसर पर जहां पूरा देश सत्य और अहिंसा का संदेश दे रहा था, वहीं कौशाम्बी में प्रशासन ने इस संदेश को व्यवहारिक रूप में उतारकर मिसाल पेश की। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी और पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार स्वयं मूरतगंज और कोखराज पहुंचकर मूर्ति विसर्जन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण किया।
यह निरीक्षण मात्र औपचारिकता नहीं था, बल्कि हर व्यवस्था को खुद परखने का प्रयास था। भीड़ प्रबंधन से लेकर गोताखोरों की तैनाती तक, ट्रैफिक डायवर्जन से लेकर स्वच्छता व्यवस्था तक, सभी बिंदुओं का अधिकारियों ने मौके पर जाकर गहनता से जायजा लिया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि मूर्ति विसर्जन केवल धार्मिक आस्था का नहीं, बल्कि सामाजिक सौहार्द और प्रशासनिक दक्षता की भी परीक्षा है।
पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने पुलिस बल को सतर्क रहने, भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त फोर्स लगाने, रात में प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त रखने और आपात स्थिति के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष जोर दिया। वहीं जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने स्वच्छता और अनुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि “जनता की सुरक्षा ही प्रशासन की सबसे बड़ी पूजा है।”
इस दौरान क्षेत्राधिकारी, थानाध्यक्ष और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। खास बात यह रही कि जनता ने भी अधिकारियों को बीच में पाकर गहरा भरोसा जताया। लोगों का कहना था कि जब डीएम और एसपी खुद मौके पर मौजूद हों, तो डर और अव्यवस्था की कोई गुंजाइश ही नहीं रहती।
यह सिर्फ निरीक्षण नहीं था, बल्कि एक सशक्त संदेश भी था — कि कौशाम्बी का प्रशासन त्योहारों पर मात्र दर्शक नहीं, बल्कि जनता की सुरक्षा का सबसे मजबूत प्रहरी है।
