दहेज डायन को दरकिनार कर जैन मंदिर में दो दंपतियों ने रचायी शादी
कौशांबी संदेश गणेश अग्रहरि ब्यूरो प्रमुख कौशांबी
कहां जाता है कि शादी बड़े ही सुविचार के साथ किया जाता है और दोनों दंपतियों के परिजन ज्ञानी अथवा पंडितों से सुविचार कर लग्न रखा कर शादी विवाह रचाते हैं और कहां जाता है कि बृहस्पति और शुक्र के न रहने पर शादी नहीं रचाई जाती है लेकिन जनपद कौशांबी में सुंदर विचार रखने वाले दो दंपतियों ने दहेज डायन को दरकिनार कर जनपद कौशांबी के कौशांबी थाना क्षेत्र के कौशांबी में भगवान पद्म श्री जैन धर्म के मंदिर में दोनों दंपतियों ने अपने परिजनों के सामने ब्याह रचा ली।
बताया जा रहा है कि कौशांबी विकासखंड क्षेत्र के रकसवारा मजरा खोजवापुर गांव निवासी रघुनाथ प्रसाद यादव ने अपने बेटे मिथिलेश की शादी दहेज रूपी डायन को दरकिनार कर चायल तहसील क्षेत्र के गौहानी कला गांव के राम सुमेर यादव के पुत्री राधा यादव के साथ कौशांबी थाना क्षेत्र के कौशांबी में बने जैन धर्म मंदिर में मंगलवार के दिन दोपहर के समय बड़े धूमधाम के साथ दोनों दंपतियों के परिजनों के सामने सात जन्मों के बंधन में बध गए दोनों दंपतियों ने एक दूसरे के गले में जयमाला डालकर परिजनों के सामने ब्याह रचा ली दोनों दंपतियों के परिजनो ने दोनों दंपतियों को आशीर्वाद देते हुए सात जन्मों तक बंधे रहने के लिए पद्म श्री महावीर स्वामी महाराज जी से मनोकामना की और वर वधू को लेकर खोजवा पुर गांव चले गए।