अंकित सिंह यादव, ब्यूरो प्रमुख कौशाम्बी सन्देश*
प्रयागराज। संजीवनी वेलफेयर सोसायटी कालिन्दिपूरम की ओर से प्रयागराज के सिविल लाइंस स्थित एक होटल के सभागार में देश के प्रयाख्यात आयुष स्पेशलाइजेशन वर्कशाप सिम्पटम ऑफ स्किन डीज़ीज़ पर बोलते हुए डॉ कमलेन्द्र त्यागी ने विभिन्न प्रकार के चर्म रोगों में आयुष पद्धति की औषधियों को जिसमें प्रमुख रुप से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति, नेचुरोपैथी चिकित्सा पद्धति व योग सिद्धा एवं युनानी चिकित्सा पद्धति शामिल है इस पर विस्तार से बताया।कहा इन आयुष चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के चर्म रोगों में दुष्प्रभाव रहित या हानि रहित एवं शक्तिशाली औषधियों के माध्यम से संबन्धित रोग ग्रस्त व्यक्तियों को सरलता से आराम दिया जा सकता है। डॉ बबिता सिंह ने डाइग्नोसिस एण्ड डिफ्रेन्टल , डाइग्नोसिस ऑफ स्किन डीज़ीज़ पर व्याख्यान देते हुए कहा आयुष चिकित्सा पद्धति विशुद्ध रुप से प्रकृति से जुड़ी हुई पद्धति है जो हमारे शरीर के प्रतिरक्षण तंत्र को मज़बूत बनाती है और स्किन से सम्बंधित प्रतिरक्षा तंत्र को भी मज़बूत बनाती है एवं रक्त को पतला भी बनाती है।कहा चर्म रोग के इलाज करने से पहले उसके प्रकार को जानना सब से पहले आवश्यक है।तभी इलाज करने में पूर्ण रूप से सफलता मिलेगी। डॉ मनोज कुमार श्रीवास्तव व डॉ दीपक शर्मा ने युवाओं को प्रेरित करते हुए वर्तमान समय में पेड़ पौधों एवं शाक सब्जियों से जो दवाईयां तैयार कि जाती हैं उनके रसायनिक व आयुर्वेदिक फायदे बताए। उदाहरण देते हुए कई प्रकार की औषधि पौधों के बारे में बताया।यह भी बताया कि प्लांट किंगडम का पेड़ पौधों से सम्बंधित स्रोतों का औषधीय रुप में बहुतायत में प्रयोग किया जाता है। आयुष चिकित्सा पद्धति की दवाईयों के अन्य स्रोतों के रुप में एनिमल्स , मिनरल्स ,नोसोड्स ,सारकोड्स ,इमपोण्डरबिलिया एवं अन्य प्रकृति प्रदत्त है। डॉ मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जहां आयुष चिकित्सा के क्षेत्र में प्रख्यात संस्था संजीवनी वेलफेयर सोसायटी दो हज़ार बीस से प्रतिवर्ष राष्ट्रीय आयुष गौरव सम्मान कार्यक्रम का आयोजन करती आ रही है जिसमें सभी उत्कृष्ट सक्रिय एवं अनुभव पर आधारित चयनित आयुष चिकित्सकों को राष्ट्रीय गौरव सम्मान भी प्रदान करती है वहीं संजीवनी संस्था के संस्थापक एवं सचिव डॉ श्रवण शुक्ला ने बताया कि संजीवनी संस्था वैश्विक रुप से आयुष चिकित्सकों को एकजुट करने और आयुष स्वास्थ्य जागरूकता के क्षेत्र में निरंतर दस वर्षों से कार्य कर रही है।वहीं संस्था द्वारा अभिनय एवं फिल्म मेकिंग के क्षेत्र में स्वस्थ आर्ट की शुरुआत भी कर रही है। जिसके निदेशक भोजपुरी फिल्म के जाने माने अभिनेता साकिब सिद्दीकी हैं।संस्था की ओर से अभिनेता व निदेशक साकिब सिद्दीकी व अभिनेत्री अन्नू सोनकर , श्रेया मेहता व सरजीत गौतम का अतुलनीय योगदान रहा।इसी क्रम में चौदह से अधिक अलग अलग बीमारियों में एक वर्षीय आयुष विशेषज्ञता कोर्स का संचालन भी संजीवनी इन्स्टीट्यूट ऑफ एडवांस एजूकेशन काउंसिल के द्वारा किया जा रहा है।इसी परिप्रेक्ष्य में देश भर से आए सौ से अधिक आयुष चिकित्सकों जिसमें राजस्थान होम्योपैथिक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ कमलेन्द्र त्यागी ,बनारस की प्रोफेसर डॉ बबिता सिंह , दिल्ली के डॉ दीपक शर्मा द्वारा व्याख्यान के उपरान्त डर्मेटोलॉजी आयुष विशेषज्ञता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।इस मौक़े पर संजीवनी संस्था के परियोजना प्रबंधक और एच ओ डी डाक्टर राहुल शुक्ला द्वारा लिखी गई आयुष डर्मेटोलॉजी पुस्तक का विमोचन भी उपरोक्त अतिथियों द्वारा किया गया। डॉ कमलेन्द्र त्यागी ने पुस्तक को चर्मरोगों की नैदानिक चिकित्सा पद्धति के लिए मील का पत्थर बताया और कहा यह बहुत ही उपयोगी पुस्तक साबित होगी।