कौशाम्बी संदेश आर्या शुक्ला जिला कार्यालय संवाददाता
कौशाम्बी अषाढ मेले के दुसरे व अंतिम दिन श्रध्दालु भक्तों ने शक्ति पीठ माता शीतला के चरणों में पलना चढा कर माॅ से परिवार की सुख समृद्धि की कामना की पुर्वांचल की कुल देबी माता कडेवाशिनी को पालना चढाने के लिये भक्त मिर्जापुर, भदोही, बनारस से मेले के आठ दिन पहले पालना लेकर पैदल कडा धाम के लिये निकलते हैं | शीतला सप्तमी व अष्टमी को माता के चरणों में पूरे बिधि बिधान से पूजा पाठ कर माॅ के चरणों में अर्पित करते हैं | समोगरा मिर्जापुर से आये चिंता मणि बताते हैं कि पलना चढाने की परंपरा बहुत पुरानी है | हमारे पूर्वज पहले हिडोला पालना चढाते थे | अब उसी परंपरा को निभाते हैं उन्होंने बताया कि पिछले पच्चीस सालों से वो पालना माता को चढाते है | इसी तरह राजा तलाब बनारस से आये राम मूरत यादव का कहना है कि गाँव में सुख समृद्धि के लिये पूरे गाँव में चंदा इकट्ठा करके लकड़ी का पालना बनवाकर पैदल बीस तीस लोगों के समूह में कडा धाम में पालना चढाया जाता है | अषाढ अष्टमी को दुसरे दिन माता के पट खुलते ही दर्शनार्थियों की भीड़ मन्दिर परिसर में इकट्ठा हो गई| भीड़ और बढती देख मन्दिर प्रबंध समिति व पुलिस प्रसासन ने बैरिकेटिंग कर भीड़ रोक कर थोडे थोडे भक्तों को मन्दिर में प्रवेश करा कर भीड़ को काबू में किया इस बीच मन्दिर प्रांगण में माॅ के जय कारे से गूंज मय रहा |