कौशांबी संदेश गणेश अग्रहरि ब्यूरो प्रमुख कौशांबी
कोखराज थाना क्षेत्र के भरवारी कस्बे के खल्ला बाद के पास एक पटाखा फैक्ट्री में रविवार की सुबह लगभग 12:00 बजे एक के बाद एक तेज विस्फोट के बाद लाशों के ढेर लग जाने के बाद एक बार फिर पूरा पुलिस के काले कारनामों का काला चिट्ठा खोल रहा है इसके पहले भी भरवारी कस्बे में ही पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के बाद तीन लोगों की मौत हो गई थी तत्कालीन चौकी पुलिस और थाना पुलिस का संगठित अपराध से वसूली के बाद पटाखा फैक्ट्री संचालक कराए जाने के मामले का उजागर होने के बाद दोषी चौकी पुलिस और थाना पुलिस पर निलंबन की कार्रवाई नहीं हुई जब कि संगठित अपराध से वसूली में तत्कालीन थाना और चौकी पुलिस पर बर्खास्त करने की कार्रवाई पुलिस अधिकारियों को करनी चाहिए लेकिन पुलिस अधिकारियों ने दोषी पुलिस चौकी इंचार्ज और दोषी थानेदार को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जान लगा दिया था जिसका नतीजा यह रहा है कि पुलिस का संगठित अपराध से वसूली का खेल नहीं बंद हुआ और इस खेल का नतीजा यह रहा कि रविवार की दोपहर फिर भरवारी कस्बे के खल्ला बाद के पास पटाखा फैक्ट्री में एक के बाद एक कई तेज विस्फोट हुआ और फैक्ट्री के दर्जनों लाशे बिछ गई । पटाखा फैक्ट्री में तेज आवाज के साथ विस्फोट के बाद मौके पर नगर के लोगों का जमावड़ा लग गया सूचना पाकर एंबुलेंस सहित पुलिस मौके पर पहुंच गई घटनास्थल पर पुलिस आला अधिकारियों का जमावड़ा लग गया लेकिन कार्यवाही के नाम पर नतीजा शून्य रहा अधिकारियों को घटनास्थल पर चौकी इंचार्ज और थाना अध्यक्ष को निलंबन करने का फरमान जारी कर देना चाहिए लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया पिछली बार की घटना की तरह इस बार भी लाश पोस्टमार्टम को भेजना और बयान बाजी तक पुलिस अधिकारी सीमित रह गए हृदय विदारक इस घटना के कई घंटे बाद संगठित अपराध से वसूली करने वाले चौकी इंचार्ज थाना पुलिस को निलंबन कर उन पर मुकदमा दर्ज कराकर उन पर दंडात्मक कार्यवाही नहीं की गई जब कि संगठित अपराध से वसूली करने वाले थाना पुलिस चौकी पुलिस का गुनाह साबित होने के बाद उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए उनको गिरफ्तार कर जेल भेजा जाना चाहिए लेकिन इस घटना के बाद भी पुलिस अधिकारियों ने संगठित अपराध से वसूली करने वाले पुलिस जनों पर दंडात्मक कार्यवाही नहीं की है आखिर कब तक पुलिस की संगठित वसूली के बाद लाशों का ढेर लगता रहेंगा अब पुलिस व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है जिसका जवाब शायद पुलिस अधिकारियों के पास नहीं है पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के बाद लाशों के ढेर लग जाने के बाद हमदर्दी के लिए नेताओं का आना-जाना लग गया है आखिर जिन महिलाओं का सुहाग उजर गया उन महिलाओं की भरपाई कौन करेगा । ऐसे अप्रिय घटनाओं में शाशन प्रशासन को चाहिए कि तत्काल जांच कर दोषियों को बर्खास्त कर दोषियों पर कानूनी कार्रवाई हो जिससे मृतकों के आत्मा को शांति मिले।
चौकी प्रभारी के काले कारनामे खुलकर सामने आए हैं जो मां बहने बयां कर रही हैं आज इसका वीडियो वायरल हो रहा है यदि पुलिस अपनी माहवारी ना लेती होती और बाहर की जांच टीम के आने पर मालिक शराफत अली को सूचना न देती तो मालिक मानक के अनुरूप काम करता और या हादसा शायद ना हुआ होता या बड़ा हादसा होने से आज मां बहनों का सुहाग छिन गया है सब कुछ मां बहनों को दिया जा सकता है लेकिन मां बहनों का पति कौन दे सकता है इस कारण से दोषियों के ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है वही मुकेश नाम का बड़ी में पढ़ने वाला छात्र 2 साल से फैक्ट्री में काम कर रहा था जो नाबालिक था।
वही चमंधा गांव निवासी सोनिया देवी पत्नी सोनेलाल 48 वर्ष जिनके तीन लड़के व तीन लड़कियां हैं जो रविवार के दिन पडाका फैक्ट्री में मृतक हो चुके हैं वही बेटी का कहना है कि मेरे पिताजी बताते थे कि चोरी छुपे से हम लोग काम कर रहे हैं जब कोई बाहरी टीम आती है तो पुलिस पटाखा मलिक को सूचना देती थी और दीवाल के रास्ते से मजदूरों को बाहर निकाला जाता था यदि पुलिस सही से जांच की होती तो आज मेरे पिता का जान ना गया होता पिता के जान चले जाने से मुझे और मेरे अन्य पांच लोगों को बेसहारा करके छोड़ कर चले गए हैं जिससे हम लोग अनाथ हो गए हैं हमारी देखरेख अब कौन करेगा यह एक बहुत बड़ा जांच का विषय है।
वही चमंधा गांव निवासी मंजुला देवी पत्नी हरिलाल उम्र लगभग 50 वर्ष जिनमें पांच बच्चे हैं रिंकी देवी, राकेश, अभिषेक ,विषेकऔर मुकेश कुमार जो रविवार को हुए हादसा में बुरी तरह से झुलस गए हैं जिनका इलाज प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में चल रहा है और पति की मृत्यु हो गई है परिवार में एक ही कमाऊ मुखिया थे जिनकी मृत्यु हो गई पति की मृत्यु हो जाने से परिवार में अब कमाने वाला कोई नहीं बचा है हम लोगों का जीवन अंधकार मय हो गया है और रो-रो कर कह रही है कि यह सारा खेल चौकी प्रभारी खल्लाबाद के द्वारा हुआ है जिसका वीडियो वायरल हो रहा है।