कौशाम्बी संदेश की खबर का दिखा असर: बालिहावा देह गांव में शुरू हुई नालियों की सफाई, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस

कौशाम्बी। पत्रकारिता का असली उद्देश्य तभी पूरा होता है जब किसी आम नागरिक की आवाज़ प्रशासन तक पहुंचाकर समाधान कराया जाए। कौशाम्बी संदेश की ऐसी ही एक पहल ने एक बार फिर सकारात्मक असर डाला है। मूरतगंज ब्लॉक के ग्राम सभा बालिहावा देह गांव में पिछले कई महीनों से जलभराव और गंदगी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों को आखिरकार राहत मिलनी शुरू हो गई है। अखबार में खबर छपने के बाद जिम्मेदारों ने संज्ञान लिया और गांव में नालियों की सफाई का काम शुरू करवा दिया है।

बालिहावा देह गांव के मुख्य मार्ग पर नालियों के चोक होने की वजह से गंदा पानी महीनों से भरा हुआ था। बारिश या मामूली पानी गिरने पर भी सड़कें लबालब हो जाती थीं। घरों से निकलने वाला पानी नालियों में नहीं जा पा रहा था और वह ओवरफ्लो होकर घरों और रास्तों में भर जाता था, जिससे बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को चलने में दिक्कत हो रही थी। साथ ही, इससे बीमारियों का खतरा भी बना हुआ था।

ग्रामीणों का कहना था कि नालियों की सफाई पिछले कई महीनों से नहीं कराई गई थी। गंदगी और कचरे से नालियां पूरी तरह से अवरुद्ध हो चुकी थीं। स्थिति यह थी कि सड़क पर कीचड़ और बदबू के कारण पैदल चलना भी मुश्किल हो गया था।

कौशाम्बी संदेश ने ग्रामीणों की इस गंभीर समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया। खबर में न सिर्फ समस्या को उजागर किया गया, बल्कि जिम्मेदार विभागों की उदासीनता पर भी सवाल उठाए गए। खबर के प्रकाशित होते ही स्थानीय प्रशासन और ग्राम पंचायत की नींद टूटी और सफाई कर्मियों को गांव में भेजकर तुरंत नालियों की सफाई शुरू कराई गई।

अब गांव की मुख्य नालियों की सफाई का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। सफाई कर्मचारियों द्वारा गंदगी हटाई जा रही है और अवरुद्ध नालियों को सुचारु किया जा रहा है, ताकि जलनिकासी व्यवस्था फिर से ठीक हो सके।

ग्रामीणों ने कौशाम्बी संदेश का आभार जताते हुए कहा कि,

> “जब हमने अधिकारियों से बार-बार शिकायत की तो कोई सुनवाई नहीं हुई, लेकिन जैसे ही ये खबर अखबार में छपी, अगले ही दिन से सफाई का कार्य शुरू हो गया। अगर मीडिया ऐसे ही आम जनता की आवाज़ उठाता रहे तो हर गांव की तस्वीर बदली जा सकती है।”

चायल तहसील क्षेत्र के अंतर्गत मूरतगंज ब्लॉक के ग्राम सभा बालिहावा देह गांव का है, जहां की नालियों की सफाई वर्षों से लंबित थी। अखबार में खबर प्रकाशित होने के 24 घंटे के भीतर ही कार्रवाई शुरू कर दी गई, जो कौशाम्बी संदेश की पत्रकारिता की निष्पक्षता और प्रभाव को दर्शाता है।

ये मामला न केवल एक गांव में नालियों की सफाई तक सीमित है, बल्कि यह पत्रकारिता की ताकत और जनहित में मीडिया की भूमिका का एक सशक्त उदाहरण भी है। कौशाम्बी संदेश आगे भी आम जनता की आवाज़ को बुलंद करता रहेगा।

Kaushambi Sandesh
Author: Kaushambi Sandesh

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