लकड़ी काट रहे लोगों द्वारा पुलिस अधीक्षक को दिए गए तहरीर की बिंदुवार जांच कराए जाने की जरूरत है तभी इनके करनामें उजागर होंगे
कोखराज कौशांबी हरे पेड़ के दुश्मन पेशेवर लकड़ी माफियाओ का मनोबल इस तरह बढ़ गया है कि वह बिना परमिट के हरे फलदार पेड़ बेखौफ तरीके से काट रहे हैं और वन विभाग से बिना ट्रांजिट परमिट के लकड़ी एक स्थान से दूसरे स्थान ले जा रहे हैं जिले में चार-पांच दर्जन लकड़ी माफिया सैकड़ो मजदूरों के साथ पूरे दिन हरे फलदार पेड़ को काटने में लगे हैं वन विभाग के अधिकारी इन पर रोक नहीं लगा पा रहे हैं बुधवार को लकड़ी माफिया मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के बिछौरा में आधा दर्जन मजदूरों को लेकर पेट्रोलिंग आरा मशीन से हरे पेड़ काट रहे थे कोतवाली के सिपाहियों को मामले की जानकारी हुई जिस पर लकड़ी माफियाओं को पेड़ काटने से सिपाहियों ने रोका लेकिन लकड़ी माफियाओ ने पेड़ काटना तो बंद नहीं किया उल्टा सिपाहियो से भिड़ गए सिपाही को भला बुरा कहने लगे लकड़ी माफियाओं का हौसला इस कदर बढ़ा हुआ है कि हरा पेड़ काटने के साथ-साथ अब वह बार-बार झूठ बोलकर सिपाही पर मनगढ़ंत आरोप लगाने लगे हैं जिससे उनका यह धंधा बाधित न हो आखिर लकड़ी माफियाओं के इस बढ़ते बर्चस्व के बाद यदि पेशेवर लकड़ी माफियाओं पर कठोर कार्रवाई नहीं हुई तो इनका लकड़ी कटान का अवैध धंधा बेखौफ तरीके से चलता रहेगा और यह प्रतिदिन हरियाली को नष्ट करते रहेंगे
लकड़ी माफिया इतने मनबढ़ हो गए हैं कि किसानों के हरे फलदार पेड़ को खरीद करके उसे काटने के साथ-साथ सरकार द्वारा लगाए गए सड़क के किनारे के सरकारी हरे पेड़ को भी बिना रोकटोक काट कर बेच रहे हैं मंझनपुर कोतवाली के बिछौरा गांव का सुरेश पुत्र सुखराम ईट भट्ठे के पास आधा दर्जन मजदूर लगाकर हरा पेड़ काट रहा था मामले की सूचना पुलिस को मिली तो रमाकांत सिपाही अपने एक अन्य सिपाही के साथ मौके पर पहुंचे और पेड़ काट रहे लकड़ी माफिया को पेड़ काटने से मना किया है जिस पर पेड़ काट रहे मनीष कुमार पुत्र राम भजन वा कबीर अली पुत्र सागर अली वा अबीर अली पुत्र राशिद अली वा राममिलन पुत्र राजलाल निवासी मसीपुर थाना कोखराज वा शहाबुद्दीन पुत्र नजर मोहम्मद निवासी रामपुर सुहेला थाना कोखराज ने सिपाही से उलझना शुरू कर दिया मनबढ़ लकड़ी माफिया ने मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र दिया और सिपाहियों पर पेट्रोलिंग आरा मशीन का पेट्रोल जमीन पर गिराए जाने का आरोप लगाए जाने सहित मारपीट का आरोप भी सिपाहियों पर लगाया है
अब सवाल उठता है कि लकड़ी काट रहे लोगों का कहना है कि घर में शादी थी शादी में जलाने के लिए वह लकड़ी काट रहे थे लेकिन इस समय शादी का सीजन नहीं चल रहा है मुहूर्त नहीं है तो शादी कैसे होगी दूसरा सवाल यह है कि शादी में अब कारीगर गैस सिलेंडर लेते हैं लकड़ी की भट्ठियां नहीं बनाई जाती है जिससे लकड़ी माफियाओं का यह तर्क पूरी तरह से झूठ है तीसरा सवाल उठता है कि शादी विवाह में डेढ़ हजार कीमत की दो कुंतल लकड़ी में कार्यक्रम हो जाता है और पेट्रोलियम आरा मशीन 12 हजार से अधिक की खरीदी जाती है तो 2 कुंतल लकड़ी डेढ़ हजार की खरीदने के बजाय इन लकड़ी माफियाओं ने शादी विवाह के नाम पर 12 हजार रुपए से अधिक की पेट्रोलिंग आरा मशीन खरीदने की पहल क्यो की पेट्रोलिंग आरा मशीन खरीदने की क्षमता अधिकतर किसानों के पास नहीं है पेट्रोलिंग आरा मशीन केवल लकड़ी माफियाओ के पास है किसानों के पास पेट्रोलिंग आरा मशीन होने का कोई सवाल नहीं उठाता है चौथा सवाल यह उठता है कि यदि घर में शादी थी और शादी के कार्यक्रम में लकड़ी जलाना था तो फिर घर का मुखिया अपने परिवार को लेकर लकड़ी काटने जाता आधा दर्जन से अधिक दूसरे गांव के मजदूरों को लेकर के शादी के नाम पर लकड़ी काटने का क्या औचित्य है लकड़ी काट रहे लोगों द्वारा पुलिस अधीक्षक को दिए गए तहरीर की बिंदुवार जांच कराए जाने की जरूरत है तभी इनके करनामें उजागर होंगे।